दोस्तों हम हमेशा से विश्व के इतिहास में बड़े-बड़े रहस्य को ढूंढते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे भारत देश में है कुछ ऐसी घटनाएं घटी है जिसके साक्षात्कार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैसे महापुरुष रह चुके हैं वह सभी घटनाएं आज तक विज्ञान को चुनौती दे रहे हैं तो चलिए आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं भारत के कुछ ऐसे चमत्कारी घटनाओं के बारे में जिसे विज्ञान भी समझने में असमर्थ है?
प्रहलाद जानी:- प्रहलाद जानी को दुनिया का आठवां अजूबा भी कहा जाता है प्रहलाद जानी ने पिछले 72 सालों से अन्न एक टुकड़ा भी नहीं खाया है जी हां दोस्तों प्रहलाद जानी एक ऐसे मनुष्य हैं जिन्होंने अपने पिछले 72 सालों से बिना कुछ खाए पिए जीवित है 87 वर्षीय प्रहलाद जाने के दावे की जांच करने के लिए डॉक्टरों की एक टीम ने उन्हें 15 दिन तक स्टर्लिंग हॉस्पिटल के एक सीसीटीवी लैस कमरे में बंद करके रखा था लेकिन उनके शरीर में कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई और वह नॉर्मल बने रहे विज्ञान के अनुसार कोई भी व्यक्ति 7 दिन से ज्यादा बिना पानी पिए नहीं रह सकता लेकिन 87 वर्षीय प्रहलाद जानी विज्ञान को भी पिछले 72 सालों से चुनौती देते आ रहे हैं और पूरी तरह से स्वास्थ्य और रोग मुक्त हैं। अगर हम इनके भूखे रहने का रहस्य को जान लेते हैं तो हम भुखमरी से पूरी तरह से निजात पा सकते हैं और पृथ्वी के कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी पृथ्वी पर सरवाइव कर पाएंगे।बुलट बाबा:- इस रहस्य को ओम बन्ना के नाम से भी जाना जाता है सन 1988 में राजस्थान के ओम बन्ना नाम के बुलेट सवार व्यक्ति अपने ससुराल से घर जा रहे थे लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में ही एक पेड़ से टकरा गए और घटनास्थल पर ही उनकी मृत्यु हो गई स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर बुलेट को जप्त कर लिया लेकिन अगले ही दिन पुलिसकर्मियों को बुलेट थाने में नहीं मिली वह बुलेट बिना सवारी अपने आप चल कर उसी स्थान पर चली गई जहां उनको ओम बन्ना की मृत्यु हुई थी। पुलिस फिर से उस बुलेट को थाने ले कर आई और फिर से बुलेट वापस दुर्घटनास्थल पर आ गई कई बार ऐसा होने के बाद पुलिस ने गाड़ी को चैन से बांध दिया लेकिन उसके बाद भी वह बुलेट सबके सामने अपने आप चालू होकर अपने मालिक के मृत्यु स्थल पर जा पहुंची। कई बार ऐसा होने पर ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों को यह एक चमत्कार लगा और वह उस बुलेट को उसी जगह पर छोड़ दिए और आज भी वह बुलेट वहां मौजूद है। उस दिन से आज तक वहाँ कोई और दुर्घटना नहीं हुई है हालांकि यह जगह राजस्थान के सबसे बड़े दुर्घटना क्षेत्रों में से एक है और अब इस बुलेट को लोग भगवान का रूप दे दिए हैं और उसकी पूजा करने श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं दोस्तों यह सभी घटनाएं किसी गुप्त न्यूज़ या फिल्मों की तरह लगती है लेकिन इन घटनाओं के चश्मदीदों के अनुसार यह घटनाएं शत प्रतिशत सच है।
शांति देवी:- शांति देवी जब महज 4 साल की थी तभी से उनके पिछले जन्म की यादें परेशान करने लगी दिल्ली में रहने वाली शांति अपने माता-पिता से कहने लगी कि उनका घर मथुरा में है और उनके पति वहां उनकी राह देख रहे हैं लेकिन जब घरवालों ने उनकी इन बातों को नजरअंदाज कर दिया तो वह अपने 6 साल की उम्र में ही मथुरा जाने के लिए घर से भाग गई थी। जब उनको स्कूल में दाखिला दिलाया गया तब वहां सभी को यही कहती थी कि वह शादीशुदा है और एक बच्चे को जन्म देने के 10 दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई। जब उनके अध्यापकों और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से इस मसले पर बात की गई तो सभी का यही कहना था कि वह मथुरा की क्षेत्रीय भाषा में बात करती हैं और बार-बार अपने पिछले जन्म के पति के केदारनाथ का नाम लेती हैं। स्कूल के हेडमास्टर ने इस घटना में रुचि दिखाई और उन्होंने मथुरा में रहने वाले केदारनाथ को भी ढूंढ निकाला जिनकी पत्नी लुकति देवी की मौत बच्चे के जन्म देने के 10 दिन बाद हुई थी। उसके बाद उस केदारनाथ और उनके बेटों को दिल्ली बुलाया गया और शांति देवी के सामने उन्हें अलग-अलग नाम से पेश किया गया लेकिन शांति देवी ने उन्हें देखते ही पहचान लिया कि यह लुकति देवी का परिवार है उसके बाद शांति देवी ने केदारनाथ को अपनी बहुत सी घटनाओं के बारे में बताया जिससे केदारनाथ को यह विश्वास हो गया कि शांति देवी उनकी पत्नी हैं। इस घटना ने विज्ञान जगत में बहुत से प्रश्न खड़े कर दिए थे महात्मा गांधी ने इसकी जांच करने के लिए एक जांच टीम के गठन की और उन्होंने इस मसले पर पूरी तरह से जांच करने के आदेश दिए उसके बाद जांच टीम के साथ शांति देवी को मथुरा ले जाया गया जहां शांति देवी सभी को पहचानती थी वह केदारनाथ और लुकति देवी के सभी परिवार, घर आदि सब कुछ शांति को पता था और अंत में जांच कर्मियों ने यह निष्कर्ष निकाला कि शांति देवी के रूप में ही लुकति देवी ने दूसरा जन्म लिया है दोस्तों आपका इनके बारे में क्या राय है आप हमें कमेंट में बता सकते हैं।