नई दिल्ली : हिंसा के खौफनाक मंजर से गुजर कर के बाद राजधानी दिल्ली में अब जिंदगी आहिस्ता-आहिस्ता कदम आगे बढ़ा रही है। दुकानें खुलने लगी हैं, गाड़ियां निकलने लगी हैं। बाजार में चहल-पहल देखी जा रही है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या 41 तक पहुंच गई है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने सख्त रुख अपना लिया है। पुलिस ने इस साजिश के पीछे के खूबसूरत चेहरे को बेनकाब किया है।
जगतपुरी में दंगे को लेकर कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तर पूर्वी जिले में सोमवार और मंगलवार को सांप्रदायिक हिंसा के दौरान शाहदरा के जगतपुरी इलाके में भी दंगा हुआ था। इस दंगे का आरोप कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद इशरत जहां उर्फ पिंकी पर लगा है। पुलिस ने पहले उसे हिरासत में लिया था और बाद में केस दर्ज कर अरेस्ट कर लिया गया। कोर्ट में पेश किए जाने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पेशे से वकील इशरत ने कोर्ट में जमानत अर्जी भी लगाई, लेकिन वह खारिज हो गई।
पुलिस के मुताबिक पिछले 26 फरवरी को जगतपुरी में न केवल पुलिस पर पथराव हुआ बल्कि गोलियां भी चलाई गई थीं। थाने के एक सब इंस्पेक्टर के बयान पर केस दर्ज किया गया है। इशरत समेत दर्जन भर से ज्यादा लोगों पर किए गए केस में दंगे, हत्या की कोशिश समेत विभिन्न संबंधित धाराएं लगाई गई हैं। इसमें कुछ लोग गिरफ्तार हैं और कुछ की तलाश जारी है। पुलिस के मुताबिक इशरत जहां ने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि हम चाहें मर जाएं, लेकिन हम यहां से नहीं हटेंगे, चाहे पुलिस कुछ भी कर ले हम आजादी लेकर रहेंगे। वहीं आरोपित खालिद ने भीड़ से कहा कि पुलिस पर पथराव करो भीड़ भाग जाएगी। ये बात सुनते ही साबू अंसारी और अन्य ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
इस बीच हिंसा की किसी भी साजिश को कुचलने के लिए दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान लगातार हिंसा ग्रस्त इलाकों में गश्ती कर रहे हैं। मौजपुर, करावल नगर, भजनपुरा, सीलमपुर और जाफराबाद जैसे इलाकों में पुलिस की भारी बंदोबस्त किया गया है। पुलिस एहतियातन लोगों से सावधानी बरतने की बात कह रही है और अफवाहों से बचने की अपील कर रही है।