जेल से कभी बाहर नहीं आएंगे लालू यादव, सुशील मोदी ने RJD को बता दी हकीकत
पटना : आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कभी भी जेल से बाहर नहीं आएंगे बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी को इस हकीकत से वाकिफ करा दिया है विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए सुशील मोदी ने आरजेडी को बता दिया कि लालू यादव चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं और वह आगे भी जेल के अंदर ही रहेंगे आरजेडी पर चुन-चुन कर हमला बोलते हुए लालू परिवार को धो डाला मोदी ने कहा कि बिहार में चरवाहा विद्यालय खोलने वाले लालू यादव और उनकी पार्टी को यह याद रखना चाहिए कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी बिहार में चरवाहा विद्यालय बंद करा दिया था।
बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज सदन में लालू राज को धो डाला। उन्होनें आंकड़ों के जरिए साबित कर दिया कि क्यों नीतीश राज बेहतर है। उन्होनें लालू राज ही नीतीश बनाम बिहार के 30 साल के 23 मुख्यमंत्रियों को खड़ा करते हुए ये बताया कि अगर बिहार में विकास होता तो आज ये राज्य तामिलनाडू और केरल को भी विकास के मामले में पीछे छोड़ देता। जब डिप्टी सीएम जवाब दे रहे हैं तो इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खुद कई बार खड़े होकर विरोध दर्ज किया वहीं पीछे से आरजेडी विधायक सुशील मोदी के भाषण पर हंगामा मचाते दिखे।
सीएम नीतीश कुमार के बाद आज बारी थी डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की। सदन में बजट सत्र में आय-व्यय पर हुई सामान्य चर्चा का जवाब देने के लिए खड़े हुए थे। उन्होनें अपने जवाब की शुरूआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पक्तियों से की। उसके बाद वे सीधे तेजस्वी यादव की ओर मुखातिब होते हुए बोले कि मुझे उम्मीद थी कि आप मेरे द्वारा पेश किए बजट पर अपना भाषण जरुर देंगे आपने नहीं दिया खैर मैं अगले साल का इंतजार करुंगा कि आप मेरे बजट पर अपना भाषण दें। इस पर विपक्ष ने तंज कसा कि पहले जीत कर के तो आइए तो उन्होनें कहा कि मैं छात्र जीवन से लेकर आजतक कभी नहीं हारा हूं।
सुशील मोदी ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ये चर्चा नीतीश शासन के 15 साल बनाम लालू शासन के 15 साल का नहीं बल्कि पन्द्रह साल बना तीस सालों का है। उन्होनें कहा कि श्री कृष्ण सिंह जब बिहार के मुख्यमंत्री थे तो विकास हुआ लेकिन उनके बाद बिहार का विकास बिल्कुल ठप पड़ गया। 1961 से लेकर 2005 तक बिहार का विकास शून्य रहा। इस दौरान 1961 से लेकर 29 सालों में 23 मुख्यमंत्री हुए इस दौरान केवल एक कर्पूरी ठाकुर ही ऐसे सीएम थे जिनके कार्यकाल में विकास हुआ लेकिन उनका कार्यकाल काफी छोटा था। उनके अलावे बिहार के किसी भी मुख्यमंत्री ने बिहार का भला नहीं किया। सीधे 2005 में जब नीतीश कुमार का शासन आया तो चीजें बदलनी शुरू हुई।
इसके बाद तो उन्होनें सदन में आंकड़ों की झड़ी लगा दी। बताया कि 2004-05 में बिहार का बजट महज 23885 करोड़ था जो 2019-20 में दो लाख करोड़ से भी उपर जा पहुंचा है। उन्होनें बताया कि बिहार में लालू राज में विकास दर महज नौ फीसदी था जो नीतीश राज में 18.9 फीसदी तक पहुंच चुका है। लालू राज में 2004-05 में राजकोषीय घाटा 6.2 फीसदी था जो नीतीश राज में 2.7 फीसदी पर आ गया है। उन्होनें बताया कि बिहार में चावल उत्पादन 35 लाख मिट्रीक टन से बढ़कर 61 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया है। वहीं गेंहू उत्पादन में 27 लाख मीट्रिक टन से 64 लाख मीट्रिक टन हो गया है।